मेंडल की सफलता के कारण निम्नलिखित थे (Reasons for Mendel’s success) :-
1. मटर के पौधे का चयन (Selection of pea plant) :-
पादप जगत में पाए जाने वाले लाखों पौधों में मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए केवल मटर के पौधे का ही चयन किया, क्योंकि मटर के पौधों में अनेक प्रकार के विपरीत लक्षण (contrasting characters) होते हैं। ऐसे सात जोड़े विपरीत लक्षणों के उदाहरण इस प्रकार है –
(a) गोला (round) तथा झुर्रीदार (wrinkled) बीज
(b) पीला (yellow) तथा हरा (green) बीज
(c) बैंगनी (violet) तथा सफेद (white) फूल
(d) फूली हुई (inflated) तथा संकीर्णित (constricted) फली
(e) हरी (green) तथा पीली (yellow) फली
(f) अक्षीय (axillary) तथा शीर्षस्थ (terminal) फूल
(g) लंबे (tall) एवं बौने (dwarf) पौधे
इसके अतिरिक्त मटर के पौधे छोटे होने के कारण प्रयोग करने में सुविधाजनक हुई और इनका जीवन चक्र कुछ ही महीनों में पूरा हो जाता है, इसलिए पैतृक तथा संतति पीढियों के लक्षणों का अध्ययन बहुत कम समय में किया जा सका।
2. कार्य प्रणाली :-
मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए एक समय में सिर्फ एक ही लक्षण को लिया। इसके साथ-साथ उन्होंने अवांछित परागकणों से संभावित पर-परागण को रोका।उनके द्वारा चयनित लक्षण अलग अलग क्रोमोसोम पर अवस्थित थे जिससे उनके परिणामों में व्यवधान नहीं पैदा हुए।