कार्बन चक्र का वर्णन करें।
कार्बन चक्र का वर्णन :- कार्बन की मात्रा जीवों के शुष्क भार में 49% परिवर्तन…
क्रमविकास (Evolution) :- वर्तमान जीव – जंतु की उत्पत्ति पूर्व स्थित अनेक जीव – जंतुओं से हुई है। ये पूर्वज अपेक्षाकृत सरल थे। धीरे-धीरे कई पीढ़ियों तक इनमें आनुवंशिक परिवर्तन होते गए। ये सभी परिवर्तन इनमें एकत्र होने के फलस्वरुप वर्तमान जीव – जंतुओं का उदय हुआ।
प्रकाश का वर्ण विक्षेपण (Dispersion of Light) क्या होता है? जब श्वेत प्रकाश (सूर्य का प्रकाश) किसी प्रिज्म से होकर गुजरता है, तब निर्गत किरणें आधार की ओर मुड़ती है और उसमें सात रंग दिखाई पड़ते हैं। प्रकाश – रंगों के इस प्रकार अलग – अलग हो जाने की क्रिया को “प्रकाश का वर्ण विक्षेपन”…
प्रिज्म का अपवर्तनांक (Refractive Index of Prism) :- आपतन – कोण i₁ के परिवर्तन से उसके संगत विचलन – कोण का मान भी बदल जाता है और आपतन – कोण के एक विशेष मान के लिए विचलन – कोण δ का मान न्यूनतम हो जाता है। यदि आपतन – कोण i₁, निर्गत – कोण i₂,…
प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light through a Prism) :- जब प्रकाश की किरण वायु से कांच के बने प्रिज्म में प्रवेश करती है तो वह अभिलंब की ओर झुक जाती है किंतु बाहर निकलने पर अभिलंब से दूर जाती है। इस घटना को प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन कहते है। प्रिज्म से…
प्रिज्म (Prism) :- किसी कोण पर झुके दो समतल पृष्ठों के बीच घिरे किसी पारदर्शक माध्यम को प्रिज्म कहते हैं। इसमें में तीन कोर पाए जाते हैं। दो पृष्ठों की उभयनिष्ठ रेखा (common line) को अपवर्तक कोर (refracting edge) कहा जाता है। प्रिज्म के जिस तल से अपवर्तन होता है, वह अपवर्तक तल कहलाता है।…
कक्षा 12 जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न :- लघु उत्तरीय प्रश्न (Short answer type questions) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long answer type questions)
अनिषेकफलन (Parthenocarpy) :- निषेचन के बिना फल उत्पन्न होने की क्रिया को अनिषेकफलन कहते हैं। जैसे – केला, अन्नानास, संतरा, अंगूर इत्यादि में अनिषेकफलन होते हैं। अनिषेकफलन के कारण (Causes of Parthenocarpy) :- 1. परागण तथा निषेचन की क्रिया के फलस्वरुप बीज का विकास हो जाता है। परंतु, विकास कुछ समय बाद रुक जाता है।…
दीर्घ दृष्टि-दोष (Hypermetropia) :- जब आंखों के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी सामान्य आंख की तुलना में अधिक हो जाती है तथा आंखें निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाते हैं तब ऐसे दोष को दीर्घ दृष्टि-दोष कहते हैं। दीर्घ दृष्टि-दोष के कारण (Causes of Hypermetropia) :- 1. नेत्र गोलक (Eyeball)…
निकट दृष्टि-दोष (Myopia) :- जब आंखों के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी सामान्य आंख की तुलना में कम हो जाती है तथा आंखें दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाते हैं तब ऐसे दोष को निकट दृष्टि-दोष कहते हैं। निकट दृष्टि-दोष के कारण (Causes of Myopia) :- 1. नेत्र गोलक (Eyeball)…
ओजोन परत (Ozone Layer) :- वायुमंडल के स्ट्रेटोस्फीयर (Stratosphere ) में 16 किलोमीटर से लगभग 50 किलोमीटर ऊंचाई वाले क्षेत्र में फैले ओजोन गैस (O₃) के परत को ओजोन परत कहते हैं। यह परत रक्षा कवच की तरह कार्य करती है। सूर्य से निकलने वाले पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकती है। ओजोन…
अम्लीय वर्षा (Acid rain) :- विभिन्न प्रकार के ईंधनों के जलने से वातावरण में सल्फर तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड मुक्त होते रहते हैं। ये वायु में मौजूद जल से अभिक्रिया कर H₂SO₄ तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO₃) बनाते हैं जो वर्षा जल के साथ पृथ्वी पर गिरते हैं। इस घटना को अम्लीय वर्षा कहते हैं। भोपाल…
ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) :- पृथ्वी के तापमान में होने वाली वृद्धि को जब विश्व स्तर पर व्यक्त किया जाता है तो इसे भूमंडलीय तापन या ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। इसके कारण पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ पिघलने लगते हैं जिससे समुद्र का जलस्तर बढ़ने लगता है तथा बाढ़ आने की संभावना बढ़ जाती…