
Angle of Deviation , Refractive index of the Prism
Angle of deviation ( δ ) :- The passes of light through a triangular prism…
आनुवंशिकतः रूपांतरित जीव [Genetically Modified Organisms (GMO)] :- आनुवंशिकी अभियांत्रिकी तकनीक द्वारा जब जीवों के जीन में परिवर्तित किया जाता है तब उससे प्राप्त जीव को आनुवंशिकतः रुपांतरित जीव कहते हैं। आनुवशिकतः रूपांतरित जीव का व्यवहार कई बातों पर निर्भर करता है। जैसे परपोषी पौधों, जंतुओं की प्रकृति, आहार जाल तथा स्थानांतरित जीन की प्रकृति।…
कृषि में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका (Biotechnological applications in agriculture) :- कृषि में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका अति महत्त्वपूर्ण है। कोशिका, उत्तक तथा अंग संवर्धन की प्रौद्योगिकी ने रोगमुक्त पौधे, प्रतिरोधी किस्में, पोषक तत्वों में सुधार, सूखा और लवणरोधी किस्मों के विकास तथा सूक्ष्म-प्रजनन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैव प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर…
पुनर्योगज DNA प्रौद्योगिकी (Recombinant DNA technology) :- वांछित पौधे के DNA को विभिन्न विधियों द्वारा निकालकर उसे प्रतिबंधन एंजाइम की मदद से काटा जाता है फिर संवाहक (vector) DNA के साथ लाइगेज एंजाइम की मदद से जोड़ कर रिकॉम्बिनेंट DNA प्राप्त किया जाता है। प्राप्त करने की ऐसी तकनीक को पुनर्योगज DNA प्रौद्योगिकी या जीन…
जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) :- जैव प्रौद्योगिकी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें औद्योगिक प्रक्रमों, सजीवों अथवा उनसे प्राप्त पदार्थों का उपयोग किया जाता है। दैनिक जीवन में काम आनेवाली अनेक महत्वपूर्ण चीजें इसी प्रकार के उत्पाद है, जैसे वृद्धि हार्मोन (growth hormone), इंटरफेरॉन, इंसुलिन, टीका (vaccine), एंजाइम्स, एंटीबायोटिक्स औषधियां, कार्बनिक अम्ल आदि। जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धांत…
जैविक उर्वरक के रूप में सूक्ष्मजीव (Microbes as biofertilizers) :- किसी मृदा (soil) में यदि लगातार फसल उगाई जाती है और बाहर से पोषक तत्व नही मिलाई जाती है तब मृदा की उर्वरा-शक्ति कम हो जाती है। मृदा की उर्वरा-शक्ति में वृद्धि हेतु जैविक उर्वरक के रूप में सूक्ष्मजीव का उपयोग करना अधिक लाभकारी होता…
जैव नियंत्रण कारक के रूप में सूक्ष्मजीवों का उपयोग (microbes serve as biocontrol agents) :- पीड़कों को जैविक रूप से नियंत्रित करने के लिए सूक्ष्मजीवों का सहारा लिया जाता है। इसके अंतर्गत कृषक कीटों एवं पीड़कों का पूर्ण रूप से नष्ट नहीं करते हैं, बल्कि इसे एक स्तर पर नियंत्रित रखते हैं। इसके लिए विभिन्न…
मानव नेत्र (Human Eye) :- मानव नेत्र एक प्राकृतिक प्रकाशिक यंत्र है जिसके द्वारा हम किसी वस्तु को प्रकाश की उपस्थिति में देख सकते हैं। यह आकार में लगभग गोलीए होता है जो खोपड़ी के एक गड्ढे में मांसपेशियों की सहायता से जुड़े होते है। इस गोलाकार प्रकाशबद्ध प्रकोष्ठ को नेत्र गोलक (eye ball) कहते…
खगोलीय दूरबीन (Astronomical Telescope) :- खगोलीय दूरबीन एक अपवर्तक दूरबीन है। यह दूरबीन विशेष रूप से आकाशीय पिंडों जैसे सितारों, ग्रहों आदि के प्रेक्षण में उपयोग होता है। इसके द्वारा हमेशा वस्तु का उलटा प्रतिबिंब बनता है। अतः पृथ्वी की वस्तुओं को देखने में इसका उपयोग नहीं किया जाता है। चूंकि सभी आकाशीय पिंड गोले…
सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple Microscope) :- सरल सूक्ष्मदर्शी कम फोकस दूरी वाला एक उत्तल लेंस (convex lens) है जिसके एक ओर इसके प्रकाश केंद्र तथा फोकस दूरी के बीच किसी वस्तु को रखकर दूसरी ओर से देखने पर उसी वस्तु का आवर्धित प्रतिबिंब दिखाई पड़ता है। इसे आवर्धक (Magnifying) लेंस भी कहा जाता है। सरल सूक्ष्मदर्शी…
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope) :- सरल सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता बढ़ाने के लिए जब उसमें दो लेंस प्रयोग किए जाते हैं तब ऐसे यंत्र को संयुक्त सूक्ष्मदर्शी करते हैं। एक लेंस से पहले वस्तु का आवर्धित वास्तविक प्रतिबिंब बनता है जो दूसरे लेंस के लिए वस्तु का कार्य करता है, परिणामी प्रतिबिंब अपेक्षाकृत अधिक आवर्धित…