
वायु-परागण, जल-परागण तथा पक्षी-परागण क्या है। पराग-स्त्रीकेसर संकर्षण क्या होता है।
वायु-परागण (Anemophily) :- जब एक पुष्प का परागकण दूसरे पुष्प के वर्तिकाग्र तक वायु द्वारा…
डीएनए प्रतिकरण के मत :- (1). विक्षेपक मत (Dispersive theory) :- (2). संरक्षी मत (Conservative theory) :- (3). अर्धसंरक्षी मत (Semiconservative theory) :- इस मत को सिद्ध करने के लिए मैथ्यू स्टैनली मेसेल्सन तथा फ्रैंकलिन विलियन स्टाल के प्रयोग और टेलर के प्रयोग का वर्णन निम्नलिखित है :– मेसेल्सन तथा स्टाल के प्रयोग :– टेलर…
डाउन्स सिंड्रोम (Down’s Syndrome) :- जब किसी मनुष्य के 21वें जोड़े गुणसूत्र में एक गुणसूत्र की वृद्धि हो जाती है तब उस मनुष्य के अंदर डाउन्स सिंड्रोम नामक रोग उत्पन्न हो जाती है। क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinfelter’s Syndrome) :-
डीएनए तथा आरएनए में अंतर निम्नलिखित हैं :– डीएनए (DNA) :– आरएनए (RNA) :–
जब किसी राष्ट्र या उससे संबंधित लोगों से बिना अनुमति लिए तथा क्षतिपूरक भुगतान के जैव संसाधनों का उपयोग किया जाता है तब वह बायोपाइरेसी कहलाता है।
किसी रोग का पता लगाने के लिए पैथोलॉजी लैब में टेस्ट कराया जाता है जिसमे ब्लड एवं यूरीन का विश्लेषण (Analysis) किया जाता है। इस टेस्ट के आधार पर रोग के प्रभावी उपचार के लिए प्रारंभिक पहचान तथा उसके रोगक्रियाविज्ञान (Pathophysiology) को समझना आणविक निदान कहलाता है।
कटे हुए DNA को जिसके माध्यम से पोषी (Host) कोशिका में स्थानांतरित किया जाता है उसे क्लोनिंग संवाहक कहते है।
DNA को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने वाले एंजाइम्स को प्रतिबंधन एंजाइम्स (Restriction enzymes) कहते है। सन 1963 में सर्वप्रथम बैक्टीरिया E. coli से प्रतिबंधन एंजाइम का खोज किया गया था।
आनुवंशिक अभियांत्रिकी जैव प्रौद्योगिकी की वह शाखा है जिसके द्वारा किसी भी जीव से DNA निकालकर किसी अन्य जीव के DNA या जीन्स के साथ मिलाया जाता है।
चिकित्सा में जैव प्रौद्योगिकी तकनीक का प्रयोग कर सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी चिकित्सीय औषधियों का अधिक मात्रा में उत्पादन किया जाता है। वर्तमान में 30 से अधिक रिकॉम्बीनेंट चिकित्सीय औषधियां विश्व स्तर पर स्वीकृत हो चुकी है जिनमें 12 औषधियां भारत में भी उपलब्ध हैं।
पारजीवी जंतु (Transgenic Animals) :- जब किसी जंतु के डीएनए में परिचालन द्वारा बाहरी जीन को प्रवेश कराया जाता है तथा वह जीन अपना लक्षण व्यक्त करता है तब ऐसे जंतु को पारजीवी जंतु या ट्रांसजेनिक जंतु कहते हैं। जैसे :- ट्रांसजेनिक चूहा, खरगोश, सूअर, भेड़, बकरी, मछलियां आदि। ट्रांसजेनिक जंतुओं में लगभग 95% चूहों…
जीन चिकित्सा (Gene therapy ) :- किसी जीव के आनुवंशिक रोग के उपचार हेतु एक या एक से अधिक सामान्य जीन को भ्रूण या रोगी के ऊतक में प्रवेश कराना जीन चिकित्सा (Gene therapy) कहलाता है।
ह्यूमुलिन (Humulin) :- प्रयोगशाला में रिकॉम्बिनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर तैयार किए जानेवाले मानव इंसुलिन को ह्यूमुलिन (Humulin) कहते हैं। मानव इंसुलिन का निर्माण :-