DNA कुंडली का पैकेजिंग कैसे होता है?

DNA कुंडली का पैकेजिंग (Packaging of DNA helix) :-

DNA की लंबाई केंद्रक की लंबाई तथा चौड़ाई से बहुत अधिक होती है, केंद्रक के अंदर इसको विशेष रूप से व्यवस्थित होने की क्रिया को DNA कुंडली का पैकेजिंग कहते हैं।

  • प्रोकैरियोटिक कोशिका जैसे E. coli में विकसित केंद्रक अनुपस्थित होता है। इसमें DNA कुंडली का पैकेजिंग न्यूक्लिओइड (nucleoid) में होता है। इसमें ऋण आवेशित DNA धनावेशित प्रोटीन से बंधा रहता है।
  • स्तनधारी जंतु की कोशिका के केंद्रक में DNA की लंबाई लगभग 2.2 मीटर होती है। केंद्रक में उपस्थित धनावेशित क्षारीय प्रोटीन को हिस्टोन कहते हैं। हिस्टोन में क्षारीय एमिनो अम्ल लाइसिन तथा आरजेनीन अधिक मात्रा में पाई जाती है।
  • हिस्टोन व्यवस्थित होकर एक इकाई – हिस्टोन अष्टक (histone octamor) बनाता है। धनावेशित हिस्टोन अष्टक चारों ओर से ऋणावेशित DNA के साथ सटा रहता है, जिसे न्युक्लियोसोम कहते हैं।
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  • एक न्युक्लियोसोम 200 क्षार युग्म की DNA कुंडली होती है। केंद्रक में ऐसे अनेक न्युक्लियोसोम जुड़ कर धागे की तरह क्रोमैटीन बनाती है, जो कोशिका विभाजन के मेटाफेज अवस्था में coiled और condensed होकर क्रोमोसोम में परिवर्तित हो जाती है।

नोट – केंद्रक में कुछ जगहों पर क्रोमैटीन ढीले रूप में बंधे होते है, जिसे सक्रिय युक्रोमेटीन (euchromatin) कहते हैं, किंतु जो क्रोमेटीन सघन (dense) रूप में बंधे होते हैं उसे निष्क्रिय तथा गहरे रंग के हेटेरोक्रोमेटीन (heterochromatin) कहते हैं।

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