बीटी कपास (Bt cotton) :-
बैसिलस थुरीनजिएंसिस (Bt) जीवाणु के कुछ स्ट्रेन (Strain) एक विशेष प्रोटीन बनाते हैं जो विशेष प्रकार के कीटों को मार देती है। ऐसे प्रोटीन के लिए जिम्मेवार जीन को जब जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से कपास के पौधों में डालकर पीड़क प्रतिरोधी बनाया जाता है तब ऐसे कपास के पौधों को बीटी कपास कहते हैं।
- बीटी प्रोटीन विष का प्रभाव कीट समुदाय के विभिन्न वर्गों जैसे Lepidopteron (तंबाकू का कीड़ा), कॉलिप्टरोन (भृंग या Beetles) तथा डायप्टेरोन (मक्खी, मच्छर) पर होता है।
- यह प्रोटीन क्रिस्टल के रूप में बनता है।
- कीटनाशक प्रोटीन जीवाणु Bacillus thuringiensis (Bt) द्वारा बनाया जाता है, परंतु इस विष के कारण जीवाणु की मृत्यु नहीं होती है।
- इसका कारण यह है कि Bt जीव विष प्रोटीन जब तक जीवाणुओं में रहता है वह निष्क्रिय विष के रूप में रहता है। जैसे ही यह विष कीट के शरीर में प्रवेश करता है वह सक्रिय (Active) हो जाता है।
- विष के क्रिस्टल आंत में क्षारीय होने के कारण घुलनशील होकर सक्रिय रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।
- यह विष कीट के मध्य आंत की कोशिकाओं की सतह से बंधकर उसे छिद्रित कर देते हैं।
- इन छिद्रों के कारण कोशिकाएं फूल कर फट जाती है जिससे कीट की मृत्यु हो जाती है।
- जैव प्रौद्योगिकी विधि द्वारा Bt जीन को कपास तथा अन्य फसलों में भी प्रवेश किया जाता है। चूंकि Bt जीन कीट समूह विशिष्ट होते हैं, इसलिए जीन का चुनाव फसल एवं निर्धारित कीट पर निर्भर करता है।
बीटी कपास मे cry gene की भूमिका :-
बीटी टॉक्सिन एक विशेष जीन द्वारा कुटबध्द (Encode) होते हैं। इस जीन को क्राई (cry) जीन कहते हैं।
- cry जीन कई प्रकार के होते हैं जैसे :– cryIAc, cryIIAb, cryIAb आदि।
- “cryIAc” तथा “cryIIAb” प्रोटीन जीन कपास की फसल को मुकुलकृमि (Bollworms) से बचाते हैं।
- “cryIAb” मक्के की फसल को मक्का छेदक (Corn borer) से बचाता है।