सूक्ष्म प्रजनन (micropropagation) :-
अलैंगिक जनन द्वारा समान आनुवंशिक गुणों वाले पौधे उत्पन्न किए जाते हैं। जब ऊतक संवर्धन विधि द्वारा ऐसे पौधे उत्पन्न किए जाते हैं तब प्रजनन की इस विधि को सूक्ष्म प्रजनन कहते हैं।
सूक्ष्म प्रजनन की विधियां (Process) :-
- उचित एक्सप्लांट का चयन करना।
- एक्सप्लांट का पोषक माध्यम पर संपोषित करना।
- स्तंभ का पोषक माध्यम पर प्रोलिफरेशन।
- स्तंभ को rooting माध्यम पर स्थानांतरित करना।
- पौधों का भूमि में स्थानांतरण।
सूक्ष्म प्रजनन के प्रकार (Types of micropropagation) :-
सूक्ष्म प्रजनन तीन प्रकार के हो सकते हैं –
- कैलस संवर्धन द्वारा।
- एडवेंटेसियस स्तम द्वारा।
- एपिकल तथा एक्सिलरी स्तंभ द्वारा।
इन तीनों प्रकार के प्रजनन को निम्नांकित चित्र में दर्शाया गया है।
सूक्ष्म प्रजनन के लाभ (Benifits of micropropagation) :-
- इस विधि से कम समय में एक ही आनुवंशिक गुणों वाले पौधों को बड़े पैमाने पर संवर्धित किया जा सकता है।
- बीमारीरहित पौधों को मेरिस्टेम टीप कल्चर द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
- जिन फसली पौधों की हाइब्रिड बीज बहुत महंगे होते हैं उन्हें ऐसे प्रजनन द्वारा बड़े पैमाने पर बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए पातगोभी, फूलगोभी आदि।
- ऐसे प्रजनन की विधि को जर्मप्लाज्म भंडारण के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
- जैव विविधता के संरक्षण में भी ऐसे प्रजनन का उपयोग किया जा सकता है।