समतुल्य लेंस (Equipment lens) :-
यदि दो या दो से अधिक समाक्षीय (coaxial) लेंसों के युग्म के बदले एक ऐसा लेंस लिया जाए, जिसे लेंस-युग्म के अक्ष पर उपयुक्त स्थान पर रखने से किसी वस्तु का प्रतिबिंब उसी स्थान पर तथा उतने ही आवर्धन का बने जैसा कि लेंस-युग द्वारा होता है, तो इस अकेले लेंस को समतुल्य लेंस (Equivalent lens) कहा जाता है।
संतुलित लेंस की फोकस दूरी को लेंस-युग्म की समतुल्य फोकस दूरी (Equivalent focal length) कहते हैं।
संपर्क में रखे दो लेंसों की समतुल्य फोकस दूरी का व्यंजक (Expression for the equivalent focal length of two lenses in contact) :-
मान लिया कि दो पतले उत्तल लेंस L₁ और L₂ , जिनकी फोकस दूरियां क्रमशः f₁ और f₂ है, एक दूसरे के संपर्क में है और इनके प्रधान अक्षय एक ही रेखा में है। मुख्य अक्ष पर O एक बिंदुवत वस्तु है जिसकी लेंस से दूरी u है। इस वस्तु O का प्रतिबिंब पहले लेंस L₁ द्वारा I₁ पर बनता है।
यदि पहले लेंस L₁ से I₁ की दूरी v’ हो तो इस लेंस के लिए वस्तु दूरी = u तथा फोकस दूरी = f₁
अतः लेंस सूत्र से,
दूसरे लेंस L₂ के लिए I₁ वस्तु का काम करता है और I उसका अंतिम प्रतिदिन है। इसलिए, यदि लेंस की मोटाई नगण्य हो, तो लेंस L₂ के लिए वस्तु दूरी = v’, प्रतिबिंब दूरी = v मान लिया तथा फोकस दूरी = f₂
अतः लेंस सूत्र से,
समीकरण (i) और (ii) को जोड़ने पर
अब यदि इन दोनों लेंसों के बदले एक ऐसा तीसरा लेंस (समतुल्य लेंस) रखा जाए जिसकी समतुल्य फोकस दूरी F हो और O पर वस्तु रखने से उसका प्रतिबिंब I पर ही बने, तो
समतुल्य लेंस की क्षमता (Power of equivalent lens) :-
यदि संपर्क में रखे दो लेंसों की फोकस दूरीयां क्रमशः f₁ और f₂ हो और इन से बने समतुल्य लेंस की फोकस दूरी F हो, तो
1/F = 1/f₁ + 1/f₂
P = P₁ + P₂
जहां P₁ और P₂ दोनो लेंसों की क्षमता तथा P समतुल्य लेंस की क्षमता है।