मादक पदार्थ (Psychotropic drugs) :-
कुछ पदार्थ जैसे- हेरोइन, कोकीन, मॉर्फिन आदि नशीले पदार्थ होते हैं। इनका नशा शीघ्र चढ़ता है, ऐसे नशीले पदार्थों को संवेदनमंदक पदार्थ करते हैं। इन्हें मादक पदार्थ, ब्राउन सुगर या नारकोटिक्स भी कहते हैं।
- ऐसे पदार्थ खाने, सूंघने या इंजेक्शन के द्वारा लिया जाता है। यह मादक पदार्थ शरीर के अंदर पहुंच कर सीधे नशेरी के रुधिर प्रवाह में पहुंचकर नशा उत्पन्न करते हैं और तत्काल उसकी संवेदन शक्ति को अस्थाई रूप से असंतुलित कर देते हैं।
- मादक पदार्थों के सेवन से व्यक्ति का छुटकारा पाना दुष्कर कार्य है। एक बार इन मादक द्रव्यों का व्यसन शुरू हो जाने के बाद इन पर शरीर की निर्भरता दिनोंदिन बढ़ती जाती है और इन्हें न लेने पर उसे भयंकर कष्ट महसूस होने लगता है तथा विवश होकर वह फिर से इन्हें लेना शुरू कर देता है।
- अक्सर कमजोर इच्छाशक्ति वाले किशोर या कम उम्र के व्यक्ति कौतूहलवश या दोस्तों के जोर देने पर मादक द्रव्यों का इस्तेमाल शौकिया या मजबूरन शुरू कर देते हैं। ये मादक पदार्थ साथियों के टोली में सामूहिक रूप से लिए जाते हैं।
- मादक द्रव्य किन्ही विशेष परिस्थितियों में गंभीर रूप से बीमार रोगियों के उपचार में काम आते हैं, इसलिए यह मादक द्रव्य दवा की दुकानों में बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं पर इनकी बिक्री पर सख्त पाबंदी होती है। किसी मान्यता प्राप्त डॉक्टर के पर्चे के बगैर इन मादक द्रव्यों को बेचना और खरीदना दोनों ही कानूनन अपराध है और इस पर दंड का प्रावधान भी सुनिश्चित है।
- मादक द्रव्य का सेवन करने वाले व्यक्ति का केवल स्वास्थ्य ही नहीं वरना संपूर्ण जीवन ही नष्ट भ्रष्ट हो जाता है।
मादक पदार्थ के दुष्परिणाम (Harmful effects of Psychotropic drugs) :-
- मादक द्रव्य व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को ध्वस्त कर देते हैं।
- इसपर निर्वर रहने वाले व्यत्ति की दृष्टि क्षीण होने लगती है।
- श्रवण शक्ति क्षीण हो जाती है और हृदय रोग हो जाता है।
- इन मादक द्रव्यों को एक ही सुई द्वारा बारी-बारी से साथियों के शरीर में प्रविष्ट कराए जाते हैं इससे एड्स जैसी घातक बीमारी फैलने की भी आशंका बनी रहती है।
व्यसन से बचाव (Addiction prevention) :-
- व्यसन से पीड़ित व्यक्ति के उपचार के लिए निरंतर धैर्यपूर्वक प्रयास करते रहना तथा सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करते रहने की आवश्यकता होती है क्योंकि मादक द्रव्य का सेवन एकाएक रोक देने का परिणाम भयंकर हो सकता है।
- व्यसनों से बचने का सबसे कारगर और सामान्य तरीका है युवावर्ग को मादक द्रव्यों के सेवन की भयंकर परिणामों के बारे में अवगत कराना। इसमें अभिभावकों, रिश्तेदारों, शिक्षकों, मित्रों, समाजसेवियों आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए।
- मादक द्रव्यों की चोरी-छिपे बिक्री पर सख्त रोक लगा दी जानी चाहिए। अपराधी के पकड़े जाने पर उन्हें सख्त से सख्त सजा देने का प्रावधान किया जाना चाहिए।
- देश में ऐसे अनेक पुनर्वास केंद्रों की स्थापना हो चुकी है, जहां मादक द्रव्य के व्यसन से पीड़ित व्यक्तियों की मुक्ति दिलाने हेतु उचित उपचार की व्यवस्था एवं पुनर्वास की व्यवस्था की गई है।