प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन – विचलन कोण का व्यंजक

प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light through a Prism) :-

जब प्रकाश की किरण वायु से कांच के बने प्रिज्म में प्रवेश करती है तो वह अभिलंब की ओर झुक जाती है किंतु बाहर निकलने पर अभिलंब से दूर जाती है। इस घटना को प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन कहते है।

प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन स्नेल के नियम का पालन करता है।

विचलन कोण का व्यंजक (Expression of deviation angle) :-

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माना कि ABC प्रिज्म की मुख्य काट है जिसके अपवर्तक तल AB और AC के बीच के आपतन कोण का मान A है और प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक (refractive index) μ है।

आपतित किरण OP द्वारा AB पर अभिलंब के साथ बना कोण i₁ तथा अपवर्तन कोण r₁ है।

निर्गत तल AC पर अभिलंब के साथ बना कोण i₂ तथा अपवर्तन कोण r₂ है।

विचलन का कोण (angle of deviation) δ है।

चूंकि त्रिभुज का बहिष्कोण सामने के दो अंतः कोणों के योग के बराबर होता है, इसलिए

∆ PMQ में, δ = (i₁- r₂) + (i₂ – r₂)

= (i₁ + i₂) (r₁ + r₂) ….. समी₀ 1

अब ∆ NPQ से, r₁ + r₂ + ∠PNQ = 180⁰

या r₁ + r₂ = 180⁰ ∠PNQ …….. समीकरण 2

अब चतुर्भुज APNQ से, ∠PAQ + ∠PNQ = 180⁰

(क्योंकि ∠APN = ∠AQN = 90⁰)

या ∠PAQ = 180⁰ – ∠PNQ

या A = 180⁰ ∠PNQ ……… समीकरण 3

समीकरण 2 और 3 की तुलना करने पर

r₁ + r₂ = A

समीकरण 1 से,

δ = (i₁ + i₂) – A

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