प्रिज्म का अपवर्तनांक

Ingrid Rackova glass sculpture 1

प्रिज्म का अपवर्तनांक (Refractive Index of Prism) :-

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चित्र :- प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन।

आपतन – कोण i₁ के परिवर्तन से उसके संगत विचलन – कोण का मान भी बदल जाता है और आपतन – कोण के एक विशेष मान के लिए विचलन – कोण δ का मान न्यूनतम हो जाता है।

यदि आपतन – कोण i₁, निर्गत – कोण i₂, अपवर्तन – कोण r₁ तथा r₂ है तो न्यूनतम विचलन की स्थिति में i₁ = i₂ तथा r₁ = r₂

अब समीकरण i₁ + i₂ = A + δ तथा

r₁ + r₂ = A में न्यूनतम विचलन की आवश्यक शर्तें (i₁ = i₂, r₁ = r₂) रखने पर

i₁ + i₂ = A + δₘ तथा r₁ + r₂ = A

या, i₁ = (A + δₘ)/2 तथा r₁ = A/2

अब i₁ और r₁ के इन मानों को स्नेल के नियम

μ = sin i₁/ sin r₁ में रखने पर,

μ = (sin A + δₘ)/2 / sin A/2

जहां μ प्रिज्म का अपवर्तनांक है

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