पारिस्थितिक अनुक्रमण (Ecological Succession) :-
प्रकृति में मौजूद विभिन्न समुदायों से जीवों का एक नया वर्ग स्थापित होने तक उनमें होने वाले परिवर्तन को पारिस्थितिक अनुक्रमण कहते हैं।
परिस्थितिक अनुक्रमण जैविक कारकों, मौसमी कारकों एवं अन्य अजैविक कारकों के कारण होती है।
पादप अनुक्रमण (Plant Succession) :-
प्रकृति में किसी भी नई भूमि पर कुछ समय बाद पौधों की विभिन्न प्रजातियां उगने लगते हैं। इन प्रजातियों के नष्ट होने के पश्चात वहां नए पौधे के समुदाय उगने लगते हैं। पौधों के इस प्रकार बसने को उपनिवेश (colonization ) कहते हैं। उपनिवेश में पौधों के समुदाय की इस क्रम को पादप अनुक्रमण करते हैं।
- पादप अनुक्रमण हमेशा समोदविदो (Mesophytes ) की ओर होती है चाहे वह जलोदविद (Hydrophytes) से आरंभ हो या मरूदविद (Xerophytes ) से।
अनुक्रमण के प्रकार (Types of Succession) :-
1. प्राथमिक अनुक्रमण (primary succession) :-
वैसे स्थान जहां पहले से कोई जीव न हो, पर होने वाले अनुक्रमण को प्राथमिक अनुक्रमण करते हैं। इस प्रकार के नग्न स्थान में धीरे-धीरे जीवों की विभिन्न जातियों का आगमन हो जाता है और प्राथमिक समुदाय का निर्माण होता है।
2. द्वितीयक अनुक्रमण (secondary succession) :-
यह पारिस्थितिक अनुक्रमण वहां होता है जहां पहले से मौजूद समुदाय नष्ट हो जाता है एवं उसमें केवल कुछ ही जीव शेष रह जाता है। पहले से मौजूद समुदाय विभिन्न कारणों, जैसे जंगल की आग, भयानक बाढ़, भूकंप आदि के चलते नष्ट हो जाता है। वहां बाहर से नई जातियां आकर अनुकूल वातावरण मिलने पर नए समुदाय का निर्माण करते हैं।
3. स्वजन्य अनुक्रमण (autogenic succession) :-
अनुक्रमण की क्रिया प्रारंभ होने के बाद समुदाय स्वतः वातावरण से प्रतिक्रिया कर अपने भौतिक वातावरण में परिवर्तन ला देता है तथा वहां पर नए समुदाय का आगमन होता है। जिसे स्वजन्य अनुक्रमण कहते हैं।
4. परजन्य अनुक्रमण (allogenic succession) :-
जब बाहरी कारकों के चलते वहां मौजूद समुदाय का विस्थापन हो जाता है। इस प्रकार के अनुक्रमण को परजन्य अनुक्रमण कहते हैं।
5. स्वपोषी अनुक्रमण (autotrophic succession ) :-
इस प्रकार के अनुक्रमण में शुरू से लगातार स्वपोषी जीवों का प्रभुत्व कायम रहता है। यह मुख्य रूप से अकार्बनिक वातावरण में प्रारंभ होता है एवं इसमें अनिश्चितकाल तक ऊर्जा प्रवाह बना रहता है।
6. परपोषी अनुक्रमण (heterotrophic succession) :-
इस प्रकार के अनुक्रमण में शुरू से ही परपोषी जीवों का प्रभुत्व कायम रहता है। यह मुख्य रूप से कार्बनिक वातावरण में शुरू होता है एवं इसमें क्रमशः ऊर्जा का ह्रास होता है।