घरेलू उत्पादों में सूक्ष्मजीव (microbes in household products) :-
सूक्ष्मजीव का उपयोग विभिन्न प्रकार के घरेलू उत्पादों के निर्माण में होता है जिसका प्रयोग हम प्रतिदिन करते हैं। इसका अच्छा उदाहरण दूध से दही का बनना, पनीर या चीज तैयार करना, आटा से इडली तथा डोसा बनाना, विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों का निर्माण करना आदि हैं।
दूध से दही का बनना :-
घरेलू उत्पादों में सूक्ष्मजीव का उपयोग दूध से दही बनाने में किया जाता है। दूध में पाई जाने वाली शर्करा लैक्टोस को कुछ जीवाणु, जैसे लैक्टोबैसिलस या लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया किण्वन (fermentation) प्रक्रिया द्वारा लैक्टिक अम्ल में बदल देते हैं। इससे दूध खट्टा हो जाता है। लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया दूध में पाए जाने वाले केसीन (casein) नामक प्रोटीन की छोटी-छोटी बूंदों को एकत्रित करके दही जमाने में सहायक होते हैं।
इस के लिए ताजा दूध में दही की थोड़ी मात्रा आरंभ में मिलानी पड़ती है जिससे लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया ताजे दूध को उपलब्ध हो सके। ये जीवाणु अनुकूल तापमान पर कई गुना वृद्धि कर किण्वन द्वारा अपना कार्य संपादित करते हैं।
इस प्रकार प्राप्त दही में विटामिन B-12 की मात्रा बढ़ जाती है जिससे मानव शरीर की जरूरतें पूर्ण होती है। इसके साथ ही लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया हमारे पेट में पहुंचकर अनेक प्रकार के लाभ पहुंचाते हैं तथा हानिकारक जीवाणु की वृद्धि को रोकते हैं।
दूध से पनीर या चीज तैयार करना :-
घरेलू उत्पादों में सूक्ष्मजीव का उपयोग पनीर या चीज तैयार करने में भी होता है। जीवाणु का उपयोग दूध से पनीर या चीज तैयार करने में प्राचीन समय से किया जा रहा है। जीवाणुओं के द्वारा पनीर में विशेष प्रकार की सुगंध लाई जाती है। इस क्रिया को राइपेनिंग कहते हैं। अपनी सुगंधि, संरचना एवं स्वाद के आधार पर पनीर की कई किस्में पाई जाती है।
- स्विस चीज के निर्माण में एक खास किस्म के जीवाणु प्रोपिओनीबैक्टेरियम का उपयोग किया जाता है। इस जीवाणु से बहुत अधिक मात्रा में CO2 गैस मुक्त होती है जिससे स्विस चीज में बड़े-बड़े छिद्र हो जाते हैं।
- रोक्यूफोर्ट चीज को परिपक्व करने में एक विशेष प्रकार के कवक का उपयोग किया जाता है। इससे एक खास प्रकार की खुशबू चीज में आती है।
आटा से डोसा तथा इडली तैयार करना :-
घरेलू उत्पादों में सूक्ष्मजीव का उपयोग डोसा तथा इडली बनाने में भी किया जाता है।
डोसा तथा इडली बनाने के लिए जो ढीला ढाला आटा प्रयोग में लाया जाता है वह जीवाणु द्वारा किण्वन किया जाता है। कि किण्वन से जो CO2 गैस मुक्त होती है उसके चलते यह आटा फूला हुआ लगता है। इसी प्रकार पावरोटी बनाने के लिए जो आटा गूंधा जाता है उसमें बेकर यीस्ट मिलाया जाता है।
पेय पदार्थों का निर्माण :-
घरेलू उत्पादों में सूक्ष्मजीव का उपयोग पेय पदार्थों के निर्माण में भी होता है। विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों का निर्माण सूक्ष्मजीवों के द्वारा किण्वन कराकर किया जाता है।
उत्तर भारत में खजूर के तने के शराब को किण्वन कराकर नीरा तैयार किया जाता है।
- दक्षिण भारत में टोड़ी एक पारंपरिक पेय के रूप में प्रयुक्त होता है। इसका निर्माण ताड़वृक्ष के तने के स्राव को किण्वन कराने के बाद होता है। यह उत्तरी भारत में ताड़ी के नाम से प्रचलित है
घरेलू उत्पादों में सूक्ष्मजीव का उपयोग किण्वन द्वारा विभिन्न खाद्य पदार्थों के निर्माण में भी होता है। बांस प्ररोह, सोयाबीन, मछली आदि का किण्वन कराकर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं। इस प्रकार विश्व के विभिन्न देशों में सूक्ष्मजीवों के द्वारा अनेक प्रकार के घरेलू उत्पादों का निर्माण किया जाता है।