कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र (Artificial Ecosystem) :-
मानव द्वारा निर्मित पारिस्थितिक तंत्र को कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं। ऐसे पारिस्थितिक तंत्र सरल एवं कार्यक्षम होते हैं तथा इनमें जैव विविधता कम होने के कारण ये अस्थाई होते हैं।
जैसे – कृषि या फसल खेत (Crop field), गांव, शहर, तालाब, बांध, नहर, मछलीघर (Aquarium), पार्क, बगीचा आदि।
- प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र की तरह कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र में भी जैविक तथा अजैविक घटक होते हैं। मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऐसे पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करता है।
कृषि पारिस्थितिक तंत्र (Agricultural Ecosystem) :-
कृषि पारिस्थितिक तंत्र मनुष्य द्वारा निर्मित एक अस्थाई कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र है जिससे विश्व के प्रमुख प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र तथा उनका आकार प्रदान करने वाले घटकों का ज्ञान होता है।
- कृषि क्षेत्र से विशेषकर धान, गेहूं, मकई, दालें, तिलहन तथा पशु चारा उत्पन्न किया जाता है।
- कृषि-संबंधी फसलों तथा पर्यावरण के आपसी संबंधों के अध्ययन को कृषि पारिस्थितिक विज्ञान (Agricultural Ecology) कहते हैं।
- कृषि पारिस्थितिक तंत्र की भौतिक स्थितियां अक्षांश, जलवायु आदि घटकों पर निर्भर करती है। ऐसे पारिस्थितिक तंत्र में एक ही प्रकार के पौधे होने के कारण प्रकाश, जल, खनिज पदार्थ इत्यादि की एक जैसी आवश्यकता पड़ती है। इसलिए इन पौधों के बीच अत्यंत तीव्र स्पर्धा होती है।
- उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के बीच ऊर्जा का प्रवाह एवं जैविक (Biotic ) तथा अजैविक (Abiotic ) घटकों के बीच पदार्थों का चक्रण अन्य पारिस्थितिक तंत्रों की तरह होता है।
- जीवों की मृत्यु के बाद अपघटनकर्ता इन्हें अपघटित कर कार्बनिक एवं अकार्बनिक तत्वों को मृदा एवं वायुमंडल में वापस कर देते हैं।