ऑप्टिकल फाइबर (Optical fibre) :-
ऑप्टिकल फाइबर एक ऐसी युक्ति (device) है जो प्रकाश को उसकी तीव्रता की बहुत ही कम हानि पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक प्रेषित करता है। यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है।
ऑप्टिकल फाइबर की संरचना :-
ऑप्टिकल फाइबर के तीन भाग होते हैं। इसके केंद्रीय भाग को क्रोड (core) कहा जाता है जो उच्च कोटि के कांच का बना होता है। यही प्रकाश संकेत (light signal) को ले जाता है। उसके चारों ओर सकेंद्रीय (concentric) रूप में कांच का आवरण होता है जिसे क्लैडिंग (cladding) कहते हैं। चूंकि क्लैडिंग का अपवर्तनांक क्रोड के अपवर्तनांक से कम होता है, इसलिए फाइबर के क्रोड भाग में प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता रहता है, जिससे प्रकाश क्रोड में ही सीमित रहता है।
क्लैडिंग, पॉलियूरिथेन के खोल (jacket) से ढंका रहता है। यह खोल फाइबर को बाहरी पदार्थों के रगड़ से बचाता है।
एक से लेकर सैकड़ों फाइबर मिलकर केबल (cable) बनाते हैं।
ऑप्टिकल फाइबर के उपयोग :-
ऑप्टिकल फाइबर के निम्नांकित उपयोग है —
- इसका उपयोग चिकित्सीय जांच में प्रकाश के पाइप के रूप में किया जाता है।
- इसका उपयोग प्रकाश संकेतों के प्रेषण में किया जाता है।
- इसका उपयोग विद्युत संकेतों के प्रेषण और अभिग्रहण में भी किया जाता है।
ऐसा करने के लिए पहले विद्युत संकेतों (electrical signals) को उपर्युक्त युक्तियों द्वारा प्रकाश संकेतों में परिवर्तित किया जाता है और फिर उनका लंबी दूरियों तक ऊर्जा की बहुत कम क्षति पर प्रेषण किया जाता है। उदाहरण के लिए, सिलिका कांच (silica glass) के फाइबर में 1 किलोमीटर की दूरी तय करने में मात्र 5% ही ऊर्जा की हानि होती है।