एकल कोशिका प्रोटीन क्या है? जैव पुष्टिकरण के बारे में बताएं।

The Impressive Health Benefits of Chlorella

एकल कोशिका प्रोटीन (Single celled protein) :-

एक कोशिकीय सूक्ष्मजीवों से प्राप्त प्रोटीन को एकल कोशिका प्रोटीन कहते हैं। सूक्ष्मजीवों का प्रोटीन के अच्छे स्रोत के रूप में मनुष्य तथा पशुओं के पोषण के लिए उपयोग में लाया जाता है। जैसे यीस्ट, स्पाइरुलीना आदि।

  • एकल कोशिका प्रोटीन द्वारा आवश्यक सभी एमिनो अम्ल शरीर को प्राप्त होते हैं। उच्चवर्गीय पौधों के स्थान पर जीवाणु तथा यीस्ट बेहतर प्रोटीन स्रोत है। क्योंकि खाद के रूप में प्रयुक्त किए जाने वाले उच्चवर्गीय पौधों में लाइसिन एमिनो अम्ल नहीं पाया जाता है।
  • एकल कोशिका प्रोटीन के उत्पादन के लिए कम जगह की आवश्यकता पड़ती है। इसका उत्पादन जलवायु से भी प्रभावित नहीं होता है। शैवाल जैसे – स्पाइरूलीना, क्लोरेला आदि का उपयोग एकल कोशिका प्रोटीन के रूप में किया जा रहा है।
  • गणना की गई है कि 0.5 टन सोयाबीन से 40 किलो ग्राम प्रोटीन प्रति 24 घंटे में प्राप्त हो सकती है। इसकी तुलना में 0.5 टन यीस्ट से उसी समय सीमा में यीस्ट 50 टन प्रोटीन उत्पादन कर सकता है।
  • कुछ सूक्ष्मजीवों जिनका उपयोग एकल कोशिका प्रोटीन के रूप में किया जा रहा है उनके द्वारा प्रयोग में लाए जा रहे कार्बन तथा ऊर्जा स्रोत, उनके द्वारा उत्पादित कच्चे प्रोटीन की मात्रा निम्नांकित तालिका में दर्शया गया है।
New Doc 04 30 2023 11.17

जैव पुष्टिकरण (Biofortification) :-

जनस्वास्थ्य को सुधारने के लिए विटामिन तथा खनिज युक्त, उच्च प्रोटीन तथा स्वास्थ्यवर्धक वसावाली प्रजनित फसलों का विकास जैव पुष्टिकरण या बायोफोर्टिफिकेशन कहलाता है।

फसली पौधों में उन्नत पोषक तत्वों के समावेश के उद्देश्य से प्रजनन कराया जाता है।

  • कृषि वैज्ञानिकों ने मक्का की नई किस्में विकसित की है जिनमें अमीनो अम्ल, लाइसीन तथा ट्रिप्टोफैन की मात्रा अधिक है। इसी प्रकार गेहूं में एटलस 66 किस्म जिसमें उच्च प्रोटीन अंश होता है, को गेहूं की उन्नतशील किस्म विकसित करने के लिए दाता के रूप में प्रयोग किया गया है। धान में ऐसी किस्में विकसित की गई है जिनमें 5 गुना अधिक लौह तत्व होता है।
  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली ने सब्जियों की विटामिन तथा अन्य पोषक युक्त फसलों की नई किस्में विकसित की है। जैसे –
  • विटामिन A युक्त – गाजर, पालक, कद्दू आदि।
  • विटामिन C युक्त – करेला, सरसों, टमाटर, बथुआ आदि।
  • आयरन तथा कैल्शियम युक्त – पालक, बथुआ आदि।
  • प्रोटीन युक्त – मटर फ्रेंच बीन, ब्राडबीन, सेम आदि।

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