एंटीजन एंटीबॉडी :-
जब कोई बाहरी जीव किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है जब वह परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप में कुछ प्रोटीन योगिक का उत्पादन करता है। यह प्रोटीन योगिक उस जाति के विशिष्ट होते हैं जो व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। शरीर में प्रवेशित ऐसे प्रोटीन को एंटीजन कहते हैं। शरीर में एंटीजन अणुओं के प्रकटन के प्रतिक्रियास्वरूप उतकों द्वारा दूसरे प्रोटीन का संश्लेषण होता है जो विशेषतया एंटीजेंस से संयुक्त हो जाता है अथवा उस पर अभिक्रिया करता है। शरीर में संश्लेषित इस दूसरे प्रकार के प्रोटीन को एंटीबॉडी कहते हैं।
- एंटीजन एंटीबॉडी अभिक्रिया के कारण एंटीजन का स्वरूप ऐसा परिवर्तित हो जाता है, जिससे वह नष्ट हो सके अथवा निष्क्रिय हो जाए।
एंटीजन :-
यह पॉलिसैकराइड का बड़ा अणु है जिसे शरीर बाहरी मानता है जैसे अन्य व्यक्ति की रुधिर कोशिका, अंडा का अल्बुमिन, परागकण आदि। एंटीजन अनेक रोगों के जनक होते हैं।
एंटीजन के प्रतिक्रिया से T- कोशिका तथा B – कोशिका प्रभावी कोशिकाओं का निर्माण करता है जो एंटीजन के साथ संघर्ष करता है, लेकिन दोनों कोशिकाएं मेमोरी कोशिकाएं भी बनाती है।
- प्राथमिक संक्रमण के अंत में जब एंटीबॉडीज भी दिखाई नहीं देती है तब विशेष प्रकार के एंटीजेंस के लिए मेमोरी कोशिकाएं लिंफनोड एवं प्लीहा में संचित हो जाते हैै। जब उसी प्रकार के एंटीजेंस द्वारा द्वितीय बार संक्रमण होता है तब मेमोरी कोशिकाएं विशिष्ट एंटीजेंस को पहचान लेती है तथा बहुसंख्यक प्रभावी एवं मेमोरी कोशिकाओं का निर्माण करती है, इसलिए द्वितीय बार संक्रमण से जल्द ही असंक्राम्य अनुक्रियां या प्रतिरक्षा होती है। इस प्रकार से साधारणता कोई भी व्यक्ति को दो बार एक ही प्रकार की बीमारी नहीं होती है, इसे सक्रिय या उपार्जित प्रतिरक्षा कहते हैं।
एंटीबॉडी :-
एंटीबॉडी श्वेत रक्त कणिकाओं में संश्लेषित गामा ग्लोब्यूलिन (gamma globulin) प्रोटीन के रूपांतरण के फलस्वरुप संश्लेषित होता है।
एंटीबॉडी को immunoglobulin भी कहते हैं। इसके निम्नांकित 5 वर्ग होते हैं –
- Immunoglobulin G (IgG) in serm.
- Immunoglobulin M (IgM) in blood.
- Immunoglobulin A (IgA) in saliva, tear, sweat etc.
- Immunoglobulin D (IgD) on lymphocytes.
- Immunoglobulin E (IgE) in serum.
एंटीबॉडी का निमार्ण :-
- प्लाज्मा कोशिका एक विशेष एंटीजन के लिए अनेक एंटीबॉडी का निर्माण कर सकता है। एंटीजन कोशिका को विभाजन के लिए उत्तेजित करता है तथा इससे एंटीबॉडी का निर्माण हो जाता है।
- जब एक एंटीजन B- लिंफोसाइट की सतह पर स्थित एक एंटीजन विशेष एंटीबॉडी को आक्रमण करता है तब यह संश्लेषित होता है।
एंटीबॉडी के कार्य :-
- जब जीवाणु को एंटीबॉडी इस तरह से ढक देता है जिससे फैगोसाइट उसे पहचान सकता है । फैगोसाइट उसे नष्ट कर देता है, इस प्रक्रिया को अपसोनिजेशन कहते हैं।
- बैक्टीरिया द्वारा स्रावित विषैले पदार्थ को एंटीबॉडी उदासीन बना देता है।
- एंटीजन एंटीबॉडी संयुक्त होकर बड़े आकार का अघुलनशील जटिल पदार्थ तैयार करते है जो एंटीजन के विशेष जैव कार्य में बाधा पहुंचाता है, इसे एग्लूटिनेशन कहते हैं।