हरितगृह प्रभाव क्या है ? स्मॉग का निर्माण कैसे होता है ?

हरितगृह प्रभाव (Green House Effects) :-

CO₂ गैस में सूर्य की इनफ्रारेड (Infrared) किरणों को सोखने की क्षमता रहती है जिससे पृथ्वी का तापक्रम नियंत्रित होता है। वायुमंडल में उपलब्ध CO₂ कवच के कारण पृथ्वी को सूर्य से ऊष्मा प्राप्त होती है, उसे हरितगृह प्रभाव या ग्रीनहाउस इफेक्ट कहते हैं।

  • ग्रीनहाउस शीशे की तरह दिखती है जो सूर्य के प्रकाश को अंदर आने देती है, परंतु उसके द्वारा अवशोषित ऊष्मा को बाहर जाने नहीं देती है।
  • ग्रीनहाउस गैस में मुख्य रूप से CO₂ , CH₄ , नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) एवं क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) आते हैं।

स्मॉग का निर्माण Formation of Smog) :-

धुआं से निकलने वाले SO₂ , SO₃ , बेंजपायरिंन आदि यौगिक वाहनों से निकलने वाले नाइट्रोजन के ऑक्साइड से मिलकर धूम – कोहरा या स्मॉल बनते हैं।

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जब हवा में बहुत अधिक सघनता हो जाती है तब यह भारी होकर पानी की छोटी-छोटी बूंदों में परिवर्तित होने लगती है। जब ये आसपास के अधिक ठंडी हवा के संपर्क में आते हैं तो धुएं के बादल जैसे प्रतीत होते हैं। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार इसे धूम- कोहरा या स्मॉग कहते हैं।

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