मरीचिका (Mirage) :-
मरीचिका प्रायः गर्म स्थान जैसे – मरूभूमि से संबंधित एक प्रकाशीय भ्रम है। मरुभूमि में यात्री अपने से आगे थोड़ी दूर पर पानी की एक परत जैसा देखता है। परंतु, वह उसके पास कभी नहीं पहुंच पाता, क्योंकि यह एक भ्रम होता है।
मरीचिका प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन का एक अच्छा प्राकृतिक उदाहरण है। कभी-कभी मरुभूमि में यात्री को पेड़ों के उलटे प्रतिबिंब दिखाई देते हैं और उसे ऐसा आभास होता है जैसे पेड़ का प्रतिबिंब किसी जलाशय में बन रहा हो, परंतु वास्तव में वहां कोई जलाशय नहीं रहता है।
![मरीचिका किसे कहते है? किरण आरेख की सहायता से मरीचिका को समझाएं। 2 FormationOfMirageInDeserts](https://sciencevision.in/wp-content/uploads/2022/06/FormationOfMirageInDeserts-1024x569.jpg)
गर्मी के दिनों में मरूभूमि में वायु के नीचे वाला भाग गर्म बालू के कारण अधिक गर्म हो जाता है। इस प्रकार पृथ्वी के निकट की वायु का घनत्व ऊपर की वायु के घनत्व से कम हो जाता है और वायुमंडल ऐसा व्यवहार करता है मानो उसमें नीचे से ऊपर की ओर बढ़ते हुए घनत्व की कई परतें हों। प्रकाश ठंढे वायु (सघन माध्यम) की अपेक्षा गर्म वायु (अपेक्षाकृत विरल माध्यम) में अधिक तीव्र गति से गमन करता है।
कुछ दूर पर स्थित किसी पेड़ के ऊपरी सिरे से जब प्रकाश किरणें चलती है तो वे सघन माध्यम (Denser medium) से विरल माध्यम (Rarer medium), अर्थात अपेक्षाकृत अधिक अपवर्तनांक से कम अपवर्तनांक वाले माध्यम में प्रवेश करती है, जिससे इनका मार्ग अभिलंब से दूर हो जाता है। अंत में एक ऐसी स्थिति आती है जब वायु के किसी विशेष तल पर प्रकाश किरण के आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक हो जाता है।
अतः इस तल पर प्रकाश किरणों का पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो जाता है और प्रकाश किरणें पुनः सघन माध्यम में ही लौट जाती है। ये किरणें जब दूरस्थ किसी यात्री के आंख पर पड़ती है तो वह पेड़ को उसी दिशा में देखता है जिस दिशा में किरणें आकर उसकी आंख पर टकराती है, परंतु कुछ प्रकाश किरणें आंख तक सीधे भी पहुंच जाती है। इस प्रकार यात्री को पेड़ और उसका उलटा प्रतिबिंब दिखाई पड़ता है।
वायुमंडल के विभिन्न परतों के घनत्व में हमेशा कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहता है। इसलिए पेड़ का बना उलटा प्रतिबिंब स्थिर न रहकर हिलता हुआ प्रतीत होता है। यही कारण है कि यात्री को अपने से कुछ आगे मरुभूमि में जलाशय (पानी) का भ्रम होता है, जिसे मरीचिका कहते है।