प्रकाश का अपवर्तन, अपवर्तन के नियम तथा अपवर्तनांक का वर्णन!

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प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of light) :-

किसी समांगी माध्यम (homogeneous medium) में प्रकाश की किरणें सीधी रेखा में गमन करती है, परंतु माध्यम के परिवर्तन से दूसरे माध्यम में प्रकाश की किरण अपने मूल पथ से विचलित हो जाती है इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते है।

प्रकाश का अपवर्तन – इसका मुख्य कारण विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल के मान का भिन्न-भिन्न होना है।

प्रकाश के अपवर्तन की व्याख्या :-

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चित्र 1 :- प्रकाश का अपवर्तन (विरल से सघन में)।

उपर्युक्त चित्र में प्रकाश की एक किरण वायु (विरल माध्यम) से शीशा (सघन माध्यम) में जाती है। दोनों माध्यमों को अलग करने वाले समतल पृष्ठ के आपतन बिंदु N पर आपतित किरण ON दूसरे माध्यम (शीशा) में अपने पूर्व पथ से होकर नहीं जाती है, बल्कि पृष्ठ पर खींचे गए अभिलंब N’N” की ओर विचलित हो जाती है। स्पष्टतः अपवर्तन कोण r का मान आपतन कोण i से छोटा है।

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चित्र 2 :- प्रकाश का अपवर्तन (सघन से विरल में)।

चित्रानुसार प्रकाश की किरण सघन माध्यम (जल) से विरल माध्यम (वायु) में जाने पर अपवर्तित किरण अभिलंब से दूर हो जाती है, अर्थात अपवर्तन कोण का मान आपतन कोण से बड़ा होता है।

अपवर्तन के नियम (Laws of refraction) :-

समांगी माध्यम में प्रकाश का अपवर्तन – इसके लिए निम्नलिखित दो नियम मान्य होते हैं।

  1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा अपवर्तक सतह के आपतन बिंदु पर खींचा गया अभिलंब तीनों एक ही समतल में होते हैं।
  2. आपातन कोण की ज्या अर्थात sin i तथा अपवर्तन कोण की ज्या अर्थात sin r का अनुपात एक स्थिरांक (constant) होता हैं

अर्थात,

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अपवर्तनांक (Refractive index) :-

निर्वात (vacuum) में विभिन्न तरंगदैर्ध्य के प्रकाश की चाल (c) समान होती है, परंतु द्रव्यात्मक माध्यमों में विभिन्न तरंगदैर्ध्य के लिए प्रकाश की चाल भिन्न-भिन्न होती हैं। द्रव्यात्मक माध्यमों, जैसे – कांच, जल आदि में प्रकाश की चाल c से कम होती है।

किसी तरंगदैर्ध्य विशेष के लिए किसी माध्यम का अपवर्तनांक निर्वात में प्रकाश की चाल (c) तथा माध्यम में प्रकाश की चाल (v) के अनुपात के बराबर होता है।

आपेक्षिक अपवर्तनांक (Relative refractive index) :-

दो माध्यमों के निरपेक्ष अपवर्तनांकों के अनुपात को अपेक्षित अपवर्तनांक का जाता है। जैसे-

(i) माध्य 2 का माध्यम 1 के सापेक्ष अपवर्तनांक (अपेक्षित अपवर्तनांक)-

अपवर्तनांक
कुछ पदार्थों के निरपेक्ष अपवर्तनांक (Absolute refractive index of some materials) :-
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अधिक अपवर्तनांक वाले माध्यमों को प्रकाशतः सघन (optically denser) कहा जाता है। यह आवश्यक नहीं कि प्रकाशतः सघन माध्यम का घनत्व अधिक ही हो। जैसे- तारपीन तेल का घनत्व जल से कम होता है।

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