जनसंख्या विस्फोट ( Population explosion) :-
किसी क्षेत्र या देश की जनसंख्या में अचानक और तीव्र वृद्धि होना जनसंख्या विस्फोट कहलाता है। यह तब होता है जब जन्म दर तेजी से बढ़ती है। मातृ मृत्यु दर (MMR -maternal mortality rate) तथा शिशु मृत्यु दर (IMR – infant mortality rate) कम होती है।
भारत में जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर समस्या है और सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं। जैसे – परिवार नियोजन कार्यक्रम, जनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवा (RCH – reproductive and child health care) कार्यक्रम, गर्भनिरोधक विधियाँ आदि।
जनसंख्या विस्फोट से किसी देश पर पड़ने वाले प्रभाव :-
संसाधनों की कमी : –
बढ़ती जनसंख्या से भोजन, पानी, आवास, ऊर्जा और अन्य संसाधनों की मांग तेजी से बढ़ती है, जिससे इनकी उपलब्धता कम हो जाती है।
पर्यावरण पर प्रभाव :-
जनसंख्या वृद्धि के कारण प्रदूषण, आवासों का विनाश, जैव विविधता का ह्रास और जलवायु परिवर्तन जैसी पर्यावरणीय समस्याओं में वृद्धि होती है.
सामाजिक-आर्थिक प्रभाव :-
बढ़ती जनसंख्या सामाजिक सेवाओं, बुनियादी ढांचे और अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव डालती है, जिससे गरीबी, बेरोजगारी, और सामाजिक अशांति में वृद्धि होती है.
स्वास्थ्य पर प्रभाव :-
भीड़भाड़ और प्रदूषण से बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव है।
शिक्षा पर प्रभाव :-
बढ़ती जनसंख्या के कारण शिक्षा व्यवस्था पर भी दबाव बढ़ता है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो जाती है।