चिकित्सा में जैव प्रौद्योगिकी का क्या उपयोग है?

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चिकित्सा में जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology in Medicine) :-

चिकित्सा में जैव प्रौद्योगिकी तकनीक का प्रयोग कर सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी चिकित्सीय औषधियों का अधिक मात्रा में उत्पादन किया जाता है।

वर्तमान में 30 से अधिक रिकॉम्बीनेंट चिकित्सीय औषधियां विश्व स्तर पर स्वीकृत हो चुकी है जिनमें 12 औषधियां भारत में भी उपलब्ध हैं।

चिकित्सा में जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग कर निम्नांकित उपलब्धियां हासिल की गई हैं –

(1). आनुवंशिकी द्वारा तैयार इंसुलिन (Genetically Engineered Insulin) :-

  • 1970 में वैज्ञानिकों ने रिकॉम्बीनेंट डीएनए तकनीक का प्रयोग कर इंसुलिन का उत्पादन प्रारंभ किया था।
  • मानव सहित दूसरे स्तनधारियों में इंसुलिन Pro-Hormone संश्लेषित होता है।
  • अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन होता है।
  • यदि ये कोशिकाएं इंसुलिन हार्मोन का निर्माण बंद कर दे तब मनुष्य में मधुमेह की बीमारी हो जाती है।

(2). इंटरफेरॉन (Interferon) :-

  • इंटरफेरॉनग्लाइकोप्रोटीन” होते हैं जिनका आण्विक भार लगभग 20,000 होता है।
  • इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है :- IFN Alpha, Beta and Gamma.
  • जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग कर इंटरफेरॉन का उत्पादन किया जा रहा है जिसका उपयोग कैंसर विशेषकर हेयरी सेल ल्यूकेमिया के उपचार के लिए किया जाता है।

(3). मानव वृद्धि हार्मोन (Human growth hormone) :-

  • चिकित्सा में जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग मानव वृद्धि हार्मोन के उत्पादन में भी किया जाता है।
  • औद्योगिक स्तर पर यह हार्मोन बैक्टीरिया Escherichia coli में जीन क्लोनिंग द्वारा किया जाता है।
  • इस हार्मोन का उपयोग मनुष्य में बौनापन दूर करने के लिए किया जाता है।

(4). टीका या वैक्सीन निर्माण (Vaccine preparation) :-

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चित्र :- COVID -19 vaccine निर्माण।

(5). मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज (Monoclonal Antibodies) :-

  • हाइब्रीडोमा प्रौद्योगिकी का उपयोग कर बड़े पैमाने पर किसी विशेष एंटीजन के खिलाफ में Monoclonal Antibodies का उत्पादन किया जाता है।
  • ऐसे एंटीबॉडीज का प्रयोग एलर्जी, वायरस संबंधित रोगों, तथा कुछ विशेष प्रकार के कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  • इसका उपयोग Immune reagents बनाने में भी किया जाता है।

(6). प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) :-

  • चिकित्सा में जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग बड़े पैमाने पर एंटीबायोटिक्स बनाने में भी किया जाता है।
  • एंटीबायोटिक्स ऐसे रासायनिक पदार्थ है जो सूक्ष्मजीवों द्वारा बनाए जाते हैं, जिनका उपयोग जीवाणुओं की वृद्धि को रोकने या उन्हें मारने के लिए किया जाता है।
  • एंटीबायोटिक्स जो जैव प्रौद्योगिकी से बनाए जाते हैं उनमें मुख्य है :- Penicillin, सिप्रोफ्लोक्सासीन, Cephalosporin, निओमाइसीन, Streptomycin, Erythromycin आदि।
Microorganism used as the source of antibiotics
चित्र :– कुछ महत्वपूर्ण एंटीबायोटिक्स तथा उनके स्रोत।
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चित्र :– Antibiotics के ब्रांड name एवं जेनेरिक name

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