“आनुवंशिकतः रूपांतरित जीव” क्या है। “आनुवंशिकतः संशोधित फसलों” का विवरण दीजिए।

आनुवंशिकतः रूपांतरित जीव [Genetically Modified Organisms (GMO)] :-

आनुवंशिकी अभियांत्रिकी तकनीक द्वारा जब जीवों के जीन में परिवर्तन किया जाता है तब उससे प्राप्त जीव को आनुवंशिकतः रुपांतरित जीव कहते हैं।

आनुवंशिकतः रूपांतरित जीव का व्यवहार निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है :–

  1. परपोषी पौधों।
  2. जंतुओं की प्रकृति।
  3. आहार जाल।
  4. स्थानांतरित जीन की प्रकृति।
  • आनुवंशिकतः रूपांतरित जीवों में आनुवंशिकतः संशोधित फसलों की विशेष भूमिका होती है।

आनुवंशिकतः संशोधित फसल [Genetically Modified Crops (GM crops)] :-

आनुवशिकतः संशोधित फसल वह फसल है जिसमें ट्रांसजिन होते हैं। ट्रांसजेनिक फसलों को आनुवंशिकतः संशोधित फसल भी कहते हैं।

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चित्र :- आनुवंशिकतः संशोधित फसल

आनुवंशिकतः संशोधित फसलो की विशेषताएं :-

  • रासायनिक कीटनाशकों (Insecticides) तथा पीड़कनाशकों (Pesticides) पर निर्भरता कम करने के लिए आनुवंशिकतः संशोधित फसलो का उत्पादन सहायक सिद्ध होता है।
  • आनुवंशिकतः संशोधित फसलो में ठंडा, सूखा, लवण ताप आदि सहन करने की क्षमता होती है।
  • खाद्य पदार्थों के पोषण स्तर में वृद्धि होना। जैसे :– चावल के दानों में विटामिन A को स्थानांतरित कर, गोल्डन राइस बनाया गया है। 2005 में विकसित गोल्डेन राइस 2 में Original variety से 23 गुना ज्यादा बीटा कैरोटीन उत्पादन करने की क्षमता होती है।
  • पौधें द्वारा खनिज उपयोग क्षमता में वृद्धि। इसके द्वारा मिट्टी की शीघ्र उर्वरता समाप्त होने पर रोक लगाई जा सकती है।
  • कटाई के पश्चात होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है।
  • आनुवंशिकतः संशोधित फसलो से जो खाद्य सामग्री प्राप्त की जाती है उसे आनुवशिकतः संशोधित खाद्य कहा जाता है।
  • आनुवशिकतः रूपांतरित जीवों का उपयोग उद्योगों में वसा, ईंधन आदि पदार्थों की आपूर्ति के लिए किया जा सकता है।

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