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डार्विनवाद क्या है? डार्विनवाद की मुख्य बातें कौन कौन सी हैं? नव डार्विनवाद पर टिपण्णी।

डार्विनवाद (Darwinism) : चार्ल्स डार्विन एक अंग्रेज प्रकृति वैज्ञानिक थे। उन्होने क्रमविकास की प्रक्रिया की व्याख्या के लिए प्रसिद्ध प्राकृतिक चुनाव का सिद्धांत प्रस्तुत किया जिसे डार्विनवाद कहते हैं। सन् 1859 ईo में चार्ल्स डार्विन द्वारा लिखित एक पुस्तक “The Origin of Species” प्रकाशित हुई जिसमें डार्विनवाद का उल्लेख किया गया था। डार्विनवाद की मुख्य…

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मत्स्य पालन

मत्स्य पालन क्या है?

मत्स्यकी (Fisheries) एक प्रकार का उद्योग है जो पशुपालन के अंर्तगत आता है, इसका सीधा संबंध मत्स्य पालन, उनका प्रजनन तथा उनकी बिक्री से है। इस उद्योग में अन्य जलीय जीवों को भी सम्मिलित किया गया है। मत्स्य पालन को मछली पालन भी कहते है। मत्स्य पालन : विभिन्न संसाधनों का उपयोग कर जलीय पौधे…

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कुक्कुट पालन क्या है तथा कुक्कुट फार्म प्रबंधन में किन किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है?

कुक्कुट पालन : मांस तथा अंडे की प्राप्ति के लिए कुक्कुट पालन किया जाता है। कुक्कुट फार्म प्रबंधन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है : 1. बेहतर नस्ल :- 2. सुरक्षित परिस्थितियां :- 3. कुक्कुटों का आहार :- 4. कुक्कूटों के रोग :-

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Dairy farm management

डेयरी फार्म प्रबंधन क्या है तथा डेयरी फार्म प्रबंधन में किन-किन संसाधनों की आवश्यकता होती है?

डेयरी फार्म प्रबंधन : पशुपालन के अन्तर्गत डेयरी उद्योग में दुधारू पशुओं (जैसे :– गाय, भैंस आदि) का प्रबंधन किया जाता है। इसे ही डेयरी फार्म प्रबंधन कहते है। डेयरी फार्म प्रबंधन में निम्नलिखित संसाधनों की आवश्यकता होती है : 1. नस्ल :- 2. देखभाल :- 3. भोजन :- 4. दुग्ध उत्पादों का भंडारण तथा…

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“आनुवंशिकतः रूपांतरित जीव” क्या है। “आनुवंशिकतः संशोधित फसलों” का विवरण दीजिए।

आनुवंशिकतः रूपांतरित जीव [Genetically Modified Organisms (GMO)] :- आनुवंशिकी अभियांत्रिकी तकनीक द्वारा जब जीवों के जीन में परिवर्तन किया जाता है तब उससे प्राप्त जीव को आनुवंशिकतः रुपांतरित जीव कहते हैं। आनुवंशिकतः रूपांतरित जीव का व्यवहार निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है :– आनुवंशिकतः संशोधित फसल [Genetically Modified Crops (GM crops)] :- आनुवशिकतः संशोधित फसल…

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कृषि में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका का वर्णन करें।

कृषि में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका (Biotechnological applications in Agriculture) :- कृषि में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका अति महत्त्वपूर्ण है। कोशिका, उत्तक तथा अंग संवर्धन की प्रौद्योगिकी ने रोगमुक्त पौधे, प्रतिरोधी किस्में, पोषक तत्वों में सुधार, सूखा और लवणरोधी किस्मों के विकास तथा सूक्ष्म-प्रजनन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैव प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर…

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पुनः संयोजक डीएनए प्रौद्योगिकी क्या है तथा पुनः संयोजक डीएनए प्रौद्योगिकी के प्रक्रम क्या क्या हैं।

पुनः संयोजक डीएनए प्रौद्योगिकी (Recombinant DNA Technology) :- वांछित पौधे के डीएनए को विभिन्न विधियों द्वारा निकालकर उसे प्रतिबंधन एंजाइम की मदद से काटा जाता है फिर संवाहक (Vector) डीएनए के साथ लाइगेज एंजाइम की मदद से जोड़ कर रिकॉम्बिनेंट डीएनए प्राप्त किया जाता है। प्राप्त करने की ऐसी तकनीक को पुनः संयोजक डीएनए प्रौद्योगिकी…

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जैव प्रौद्योगिकी क्या है? रासायनिक अभियांत्रिकी पर टिप्पणी।

जैव प्रौद्योगिकी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें औद्योगिक प्रक्रमों, सजीवों अथवा उनसे प्राप्त पदार्थों का उपयोग किया जाता है।

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जैविक उर्वरक के रूप में सूक्ष्मजीव (Microbes as biofertilizers)

जैविक उर्वरक के रूप में सूक्ष्मजीव (Microbes as Biofertilizers) :- किसी मृदा (soil) में यदि लगातार फसल उगाई जाती है और बाहर से पोषक तत्व नही मिलाई जाती है तब मृदा की उर्वरा-शक्ति कम हो जाती है। मृदा की उर्वरा-शक्ति में वृद्धि हेतु जैविक उर्वरक के रूप में सूक्ष्मजीव का उपयोग करना अधिक लाभकारी होता…

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जैव नियंत्रण कारक के रूप में सूक्ष्मजीवों का उपयोग

जैव नियंत्रण कारक के रूप में सूक्ष्मजीवों का उपयोग (Microbes as Biocontrol agents) :- पीड़कों को जैविक रूप से नियंत्रित करने के लिए “सूक्ष्मजीवों” का सहारा लिया जाता है। इसके अंतर्गत कृषक कीटों एवं पीड़कों का पूर्ण रूप से नष्ट नहीं करते हैं, बल्कि इसे एक स्तर पर नियंत्रित रखते हैं। इसके लिए विभिन्न प्रकार…

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मानव नेत्र का सचित्र वर्णन, नेत्र की कार्य-प्रणाली तथा समंजन क्षमता!

मानव नेत्र (Human Eye) :- मानव नेत्र एक प्राकृतिक प्रकाशिक यंत्र है जिसके द्वारा हम किसी वस्तु को प्रकाश की उपस्थिति में देख सकते हैं। यह आकार में लगभग गोलीए होता है जो खोपड़ी के एक गड्ढे में मांसपेशियों की सहायता से जुड़े होते है। इस गोलाकार प्रकाशबद्ध प्रकोष्ठ को नेत्र गोलक (eye ball) कहते…

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खगोलीय दूरबीन क्या है? खगोलीय दूरबीन में प्रतिबिंब का निर्माण तथा आवर्धन क्षमता का व्यंजक!

खगोलीय दूरबीन (Astronomical Telescope) :- खगोलीय दूरबीन एक अपवर्तक दूरबीन है। यह दूरबीन विशेष रूप से आकाशीय पिंडों जैसे सितारों, ग्रहों आदि के प्रेक्षण में उपयोग होता है। इसके द्वारा हमेशा वस्तु का उलटा प्रतिबिंब बनता है। अतः पृथ्वी की वस्तुओं को देखने में इसका उपयोग नहीं किया जाता है। चूंकि सभी आकाशीय पिंड गोले…

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