बायोपाइरेसी क्या है? बायोप्रोस्पेक्टिंग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
जब किसी राष्ट्र या उससे संबंधित लोगों से बिना अनुमति लिए तथा क्षतिपूरक भुगतान के जैव संसाधनों का उपयोग किया जाता है तब वह बायोपाइरेसी कहलाता है।
जब किसी राष्ट्र या उससे संबंधित लोगों से बिना अनुमति लिए तथा क्षतिपूरक भुगतान के जैव संसाधनों का उपयोग किया जाता है तब वह बायोपाइरेसी कहलाता है।
किसी रोग का पता लगाने के लिए पैथोलॉजी लैब में टेस्ट कराया जाता है जिसमे ब्लड एवं यूरीन का विश्लेषण (Analysis) किया जाता है। इस टेस्ट के आधार पर रोग के प्रभावी उपचार के लिए प्रारंभिक पहचान तथा उसके रोगक्रियाविज्ञान (Pathophysiology) को समझना आणविक निदान कहलाता है।
कटे हुए DNA को जिसके माध्यम से पोषी (Host) कोशिका में स्थानांतरित किया जाता है उसे क्लोनिंग संवाहक कहते है।
DNA को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने वाले एंजाइम्स को प्रतिबंधन एंजाइम्स (Restriction enzymes) कहते है। सन 1963 में सर्वप्रथम बैक्टीरिया E. coli से प्रतिबंधन एंजाइम का खोज किया गया था।
आनुवंशिक अभियांत्रिकी जैव प्रौद्योगिकी की वह शाखा है जिसके द्वारा किसी भी जीव से DNA निकालकर किसी अन्य जीव के DNA या जीन्स के साथ मिलाया जाता है।
चिकित्सा में जैव प्रौद्योगिकी तकनीक का प्रयोग कर सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी चिकित्सीय औषधियों का अधिक मात्रा में उत्पादन किया जाता है। वर्तमान में 30 से अधिक रिकॉम्बीनेंट चिकित्सीय औषधियां विश्व स्तर पर स्वीकृत हो चुकी है जिनमें 12 औषधियां भारत में भी उपलब्ध हैं।
पारजीवी जंतु (Transgenic Animals) :- जब किसी जंतु के डीएनए में परिचालन द्वारा बाहरी जीन को प्रवेश कराया जाता है तथा वह जीन अपना लक्षण व्यक्त करता है तब ऐसे जंतु को पारजीवी जंतु या ट्रांसजेनिक जंतु कहते हैं। जैसे :- ट्रांसजेनिक चूहा, खरगोश, सूअर, भेड़, बकरी, मछलियां आदि। ट्रांसजेनिक जंतुओं में लगभग 95% चूहों…
जीन चिकित्सा (Gene therapy ) :- किसी जीव के आनुवंशिक रोग के उपचार हेतु एक या एक से अधिक सामान्य जीन को भ्रूण या रोगी के ऊतक में प्रवेश कराना जीन चिकित्सा (Gene therapy) कहलाता है।
ह्यूमुलिन (Humulin) :- प्रयोगशाला में रिकॉम्बिनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर तैयार किए जानेवाले मानव इंसुलिन को ह्यूमुलिन (Humulin) कहते हैं। मानव इंसुलिन का निर्माण :-
बैसिलस थुरीनजिएंसिस (Bt) जीवाणु के कुछ स्ट्रेन (strain) एक विशेष प्रोटीन बनाते हैं जो विशेष प्रकार के कीटों को मार देती है। ऐसे प्रोटीन के लिए जिम्मेवार जीन को जब जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से कपास के पौधों में डालकर पीड़क प्रतिरोधी बनाया जाता है तब ऐसे पौधे को बीटी कपास कहते हैं।
डार्विनवाद (Darwinism) : चार्ल्स डार्विन एक अंग्रेज प्रकृति वैज्ञानिक थे। उन्होने क्रमविकास की प्रक्रिया की व्याख्या के लिए प्रसिद्ध प्राकृतिक चुनाव का सिद्धांत प्रस्तुत किया जिसे डार्विनवाद कहते हैं। सन् 1859 ईo में चार्ल्स डार्विन द्वारा लिखित एक पुस्तक “The Origin of Species” प्रकाशित हुई जिसमें डार्विनवाद का उल्लेख किया गया था। डार्विनवाद की मुख्य…
मत्स्यकी (Fisheries) एक प्रकार का उद्योग है जो पशुपालन के अंर्तगत आता है, इसका सीधा संबंध मत्स्य पालन, उनका प्रजनन तथा उनकी बिक्री से है। इस उद्योग में अन्य जलीय जीवों को भी सम्मिलित किया गया है। मत्स्य पालन को मछली पालन भी कहते है। मत्स्य पालन : विभिन्न संसाधनों का उपयोग कर जलीय पौधे…