हैजा रोग क्या है :-
हैजा रोग एक से दूसरों में फैलने वाला संक्रामक रोग है, इस रोग को cholera भी कहते हैं। यह रोग Vibrio cholerae नामक जीवाणु के संक्रमण से होता है। रोग फैलाने वाला जीवाणु दूषित भोजन या पानी के साथ मनुष्य की छोटी आंख को संक्रमित करता है एवं एक विषाक्त पदार्थ स्रावित करता है जिसके कारण बार-बार पैखाना एवं उल्टी (vomiting) होता है।
- रोगी में हैजा रोग 12 से 24 घंटे तक ही रहते हैं इसलिए इस रोग को तीव्रकालिक भी करते हैं।
हैजा रोग के लक्षण (Symptoms) क्या हैं :-
बार-बार पानी जैसा पैखाना के साथ उल्टी होना, कमजोरी एवं बेचैनी महसूस होना, आंखों का अंदर की ओर धसना, बहुत कम मूत्र त्याग करना इत्यादि इस बीमारी के प्रमुख लक्षण है। इन लक्षणों को देखते ही रोगी को जल्द ही किसी अनुभवी डॉक्टर से दिखा लेना चाहिए।
हैजा रोग पर नियंत्रण (Control) :-
इस रोग में निर्जलीकरण को रोकना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए रोगी को ORS या शर्करा-नमक का घोल समय-समय पर देना चाहिए। संभव होने पर 0.9% NaCl के घोल की सुई लगानी चाहिए।
हैजा रोग के रोकथाम (Prevention) :-
- रोकथाम के लिए सबसे अधिक आवश्यक है कि लोग समय पर टीका लगा ले एवं कॉलरा फैले स्थान पर नहीं जाएं।
- समाज सेवकों के घर-घर जाकर तथा सार्वजनिक स्थान पर स्वास्थ्य संबंधी विशेषकर कॉलरा के संबंध में जानकारी देना चाहिए।
- लोगों को पानी उबालकर, ठंडाकर छानकर एवं ढक कर रखना चाहिए।जरूरत के समय इस पात्र से ही पानी पीना चाहिए।
- पीने के पानी को क्लोरीन से भी जीवाणु मुक्त कर ले सकते हैं।
- रोग फैलाने वाली मक्खियां बाहर से घर के अंदर नहीं आए इसकी व्यवस्था करनी चाहिए तथा इनसे बचने के लिए भोज्य पदार्थ को ढक कर रखना चाहिए।
- रोगी के पैखाना एवं उल्टी को मिट्टी में अवश्य गाड़ देना चाहिए।