बंध्यता (Infertility) पर संक्षिप्त टिप्पणी।

बंध्यता (Infertility) :-

असुरक्षित यौन संबंध के बाद भी जब स्त्री- पुरुष दंपति बच्चे पैदा नहीं कर सकते तब ऐसे दोष को बंध्यता (Infertility) कहते है। इसके कई कारण हो सकते है जैसे – शारिरिक, जन्मजात, रोग, ड्रग्स, प्रतिरक्षात्मक, मनोवैज्ञानिक आदि।

भारत में प्रायः बच्चा न होने का दोष स्त्रियों को ही दिया जाता है, जबकि यह समस्या पुरुष में भी होता है।

विशिष्ट स्वास्थ्य सेवा इकाई (बंध्यता क्लिनिक्स) के द्वारा जांच कर इससे संबंधित कुछ विकारों का उपचार की मदद से बच्चा पैदा कराया जा सकता है। अगर संबंधित विकारों को ठीक करना असंभव है तब निम्नलिखित तकनीक द्वारा बंध्यता (Infertility) दोष दूर कर सकते हैं –

1. पात्रे निषेचन (Invitro Fertilisation , IVF) :-

इसमे शरीर के बाहर निषेचन कराने के बाद भ्रूण स्थानांतरण तकनीक (embryo transfer technique) का उपयोग करते हैं। इस विधि को टेस्ट ट्यूब बेबी (Test tube baby) भी कहते है।

इसमें दाता स्त्री से ova तथा दाता पुरुष/ पति से sperms को एकत्र कर laboratory में अनुकूल परिस्थितयां स्थापित कर युग्मनज बनाने को प्रेरित किया जाता है। IVF बंध्यता (Infertility) दूर करने का एक सफल तकनीक है।

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2. युग्मनज अंतः डिंबवाहिनी स्थानांतरण (Zygote Intra Fallopion Transfer, ZIFT) :-

इसमें युग्मनज या प्रारंभिक भ्रूण (8 blastomeres तक) को फैलोपियन नलिका तक स्थानांतरित करते है।

Intra Uterine transfer (IUT) में 8 से अधिक blastomeres वाले भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित करते हैं।

ऐसी स्त्री जो गर्भ धारण नहीं कर सकती है उसमे IVF द्वारा बने भ्रूण को स्थानांतरण किया जाता है।

3. युग्मक अंतः डिंबवाहिनी स्थानांतरण (Gamete Intra Fallopion Transfer, GIFT) :-

इसका प्रयोग ऐसी स्त्री में करते है जो ovum उत्पन्न नहीं कर सकती है किंतु निषेचन तथा भ्रूण विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान कर सकती है।

इस तकनीक में दाता स्त्री से ovum प्राप्त कर इच्छुक स्त्री के अंडवाहिनी में स्थानांतरित किया जाता है।

4. अंतः कोशिकीय शुक्राणु निक्षेपण (Intra Cytoplasmic Sperm Injection, ICSI) :-

यह Lab में भ्रूण बनाने का एक विशिष्ट प्रक्रिया है जिसमे शुक्राणु को अंडाणु में directly inject किया जाता है।

5. कृत्रिम विर्यसेचन (Artificial Insemination, AI) :-

इसका उपयोग ऐसे case में किया जाता है, जहाँ पुरूष दंपति स्त्री को वीर्यसेचन नहीं कर सकते या स्खलन (ejaculation) में वीर्य की संख्या बहुत कम होती है।

इस तकनीक में दाता पुरूष से शुक्राणु एकत्र कर स्त्री के योनि या गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।

नोट :- हमारे देश का कानून बच्चे को गोद लेने की permission देता है, जो couple बच्चे की इच्छुक है उसके लिए संतान प्राप्ति का यह सबसे अच्छा विधि है। इससे बंध्यता (Infertility) दोष का समाधान हो जाता है।

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