आनुवंशिक पदार्थ DNA तथा उसका गुण
आनुवंशिक पदार्थ DNA :- आनुवंशिक पदार्थ DNA है, इसका सुस्पष्ट प्रमाण 1952 में अल्फ्रेड हर्षे तथा मार्था चेस (Alfred Hershey […]
आनुवंशिक पदार्थ DNA :- आनुवंशिक पदार्थ DNA है, इसका सुस्पष्ट प्रमाण 1952 में अल्फ्रेड हर्षे तथा मार्था चेस (Alfred Hershey […]
रूपांतरीय सिद्धांत (Transforming principle) :- 1928 में, फ्रेडरिक ग्रिफिथ (Frederick Griffith) ने स्ट्रेप्टोकोकस निमोनि (निमोनिया पैदा करने वाला जीवाणु) के
DNA कुंडली का पैकेजिंग (Packaging of DNA helix) :- DNA की लंबाई केंद्रक की लंबाई तथा चौड़ाई से बहुत अधिक
वंशावली विश्लेषण (Pedigree Analysis) :- परिवार में कई पीढ़ियों तक लक्षणों के वंशागति का विश्लेषण करना वंशावली विश्लेषण कहलाता है।
बहुप्रभाविता / प्लियोट्रॉपी (Pleiotropy) :- जब जीवों में एकल जीन (single gene) द्वारा अनेक फीनोटाइप लक्षण प्रकट होते हैं, तब
बहुजीनी वंशागति / पॉलीजेनिक इनहेरिटेंस (Polygenic Inheritance) :- जीवों में जब कोई लक्षण तीन या उससे अधिक जीनों (genes) द्वारा
जीन (Gene) :- विशेष लक्षण के लिए आनुवंशिकि की मूलभूत इकाई को जीन कहते हैं। मेंडल ने जीन को कारक
डीएनए प्रतिकरण के मत :- (1). विक्षेपक मत (Dispersive theory) :- (2). संरक्षी मत (Conservative theory) :- (3). अर्धसंरक्षी मत
डाउन्स सिंड्रोम (Down’s Syndrome) :- जब किसी मनुष्य के 21वें जोड़े गुणसूत्र में एक गुणसूत्र की वृद्धि हो जाती है
डीएनए तथा आरएनए में अंतर निम्नलिखित हैं :– डीएनए (DNA) :– आरएनए (RNA) :–
गुणसूत्रीय विकार (Chromosomal Disorders) :- मानव शरीर में पाए जाने वाले 23 जोड़े गुणसूत्र की संख्या या संरचना में किसी
मेंडेलीय विकार (Mendelian disorders):- एकल जीन के उत्परिवर्तन से मेंडेलीय विकार निर्धारित होता हैं। ऐसे विकार की वंशागति मेंडल के