ऋतुस्राव चक्र या आवर्त चक्र (Menstrual Cycle) क्या है? ऋतुस्राव चक्र के विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन करें।

image editor output image1180115404 1744200048821

ऋतुस्राव चक्र (Menstrual Cycle) :-

मादा प्राइमेट्स ( मनुष्य, बंदर तथा कपि) में जनन चक्र को ऋतुस्राव चक्र कहते हैं। प्रथम मासिक चक्र यौनारंभ के प्रारंभ में होता है जिसे रजोदर्शन (menarche) कहते हैं।

  • मानव मादा में रजोधर्म या ऋतुस्राव लगभग 28/29 दिन के अंतराल पर पुनः होता है तथा एक रजोधर्म से दूसरे के बीच की चक्रीय घटना को रजोधर्म चक्र कहते हैं।
  • प्रत्येक रजोधर्म चक्र के मध्य में एक Ovum release होता है जिसे अंडोत्सर्ग (Ovulation) कहते हैं। अंडाणु (Ovum) के निषेचित न होने पर ही रजोधर्म (menstruation) आता है।
  • रजोधर्म का न आना pregnancy का संकेत है, इसे नहीं आने का अन्य कारण तनाव तथा स्वास्थ्य का खराब होना भी है।

ऋतुस्राव चक्र के विभिन्न अवस्थाएँ (Different phases of menstrual Cycle) :-

menstrual cycle

ऋतुस्राव चक्र के 4 अवस्थाएँ होते हैं –

1. रजोधर्म अवस्था (menstrual phase) :-

इसमें mens flow 3 – 4 रोज तक जारी रहता है, जिसका मुख्य कारण गर्भाशय की म्युकोसा (एंडोमेट्रियम), उसकी रक्त वाहिनियाँ, अनिषेचित अंडाणु तथा अंडवाहिनी के आंतरिक दीवार का नष्ट होना है, जिससे एक तरल बनता है जो योनि मार्ग से बाहर निकलता है।

2. फॉल्लीकुलर अवस्था (Follicular phase) :-

इस अवस्था के दौरान अंडाशय में प्राथमिक पुटक (primary follicles) वृद्धि करके mature Graafian follicle में बदल जाती है तथा साथ ही गर्भाशय में प्रसार (proliferation) के द्वारा एंडोमेट्रियम नष्ट हो जाती है। अंडाशय तथा गर्भाशय में होने वाले ये परिवर्तन pituitary तथा Ovarian hormones के लेवल में परिवर्तन द्वारा प्रेरित होते है।

  • फॉल्लीकुलर अवस्था के दौरान gonadotropins (LH तथा FSH) का स्राव धीरे – धीरे बढ़ता है। ये hormones पुटक के विकास तथा oestrogens के स्राव के लिए भी प्रेरित करते है।
  • LH (Luteinizing hormones) तथा FSH (Follicle Stimulating hormones) दोनों ही चक्र के मध्य में (लगभग 14th day) अपने अधिकतम स्तर पर आ जाते है, जिसे LH surge कहा जाता है।

3. अंडोत्सर्ग अवस्था (Ovulatory phase) :-

इस अवस्था में LH surge, Graafian follicle के फटने को प्रेरित करता है, जिसके कारण अंडाणु release होता है, जिसे अंडोत्सर्ग (Ovulation) कहते हैं।

4. ल्यूटियल अवस्था (Luteal phase) :-

इस अवस्था के दौरान Graafian follicle का बचा हुआ भाग पित पिंड (Corpus luteum) में बदल जाता है, जो अधिक मात्रा में progesterone का स्राव करता है। यह hormone एंडोमेट्रियम के maintenance के लिए आवश्यक होता है।

  • निषेचन न होने पर Corpus luteum नष्ट हो जाता है तथा endometrium भी नष्ट होने लगती है, जिससे फिर ऋतुस्राव की नई चक्र शुरू हो जाती है।
  • मादा मनुष्य में लगभग 50 वर्ष की उम्र में ऋतुस्राव चक्र बंद हो जाती है, जिसे रजोनिवृति (menopause) कहा जाता है।

नोट :- रजोदर्शन से राजोनिवृति तक के समय को जनन अवस्था (Reproductive phase) कहते हैं। रजोधर्म चक्र सामान्य जनन अवस्था का एक सूचक होता है।

What did you think of this article?

Scroll to Top