आबादी पर पड़ने वाले जलवायु – संबंधी कारक (climatic factors) :-
जलवायु प्रकृति का एक घटक है और इसका जीवों (पौधे तथा जंतुओं) के वितरण, वृद्धि तथा उनके विभिन्न कार्यों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।
आबादी पर पड़ने वाले जलवायु – संबंधी कारक निम्नलिखित है –
1.प्रकाश (light) :-
पौधों में पाए जाने वाले क्लोरोफिल वर्णकों पर प्रकाश की तीव्रता तथा उसके गुणों का असर पड़ता है जिससे प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया प्रभावित होती है। प्रकाश के अधिक या कम होने से जीवद्रव्य तथा फोटो – ऑक्सीडेशन एंजाइम पर प्रभाव पड़ता है जिससे श्वसन क्रिया भी घटती – बढ़ती है।
2. ताप (temperature) :-
आबादी पर पड़ने वाले जलवायु – संबंधी कारक में ताप की भी भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है । जीवों की आबादी पर तापक्रम का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। जैसे – बहुत अधिक ठंड के चलते साइबेरिया के पक्षी अनुकूल ताप के लिए भारत आते हैं। जंतुओं के अलावे पेड़ – पौधे की वृद्धि, आकार, कार्यिकी तथा जीवन की अवधि पर ताप का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। अधिकतर पौधे 15 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक जीवित रहते हैं। इससे अधिक ताप पर वे मर जाते हैं।
ताप का मुख्य रूप से प्रकाशसंश्लेषण एवं श्वसन क्रियाओं पर असर पड़ता है। कम ताप में ये दोनों क्रियाएं मंद गति से होती है।
3. वर्षा (rainfall) :-
जीवों के लिए जल की आवश्यकता होती है। मृदा के लिए जल का मुख्य स्रोत वर्षा है। कुछ क्रिप्टोगेम्स तथा जलीय पौधों की जीवन – क्रिया जल पर निर्भर करती है। पहाड़ों में एक तरफ वर्षा अधिक होती है तो दूसरी तरफ शुष्क मौसम रहता है जिससे वहां पेड़ – पौधे कम उत्पन्न होते हैं।
4. वायुमंडलीय गैसें (atmospheric gases) :-
जीवों के अस्तित्व, वृद्धि एवं विकास के लिए वायुमंडलीय गैसों जैसे – ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन आदि का वायुमंडल, मृदा तथा जीवधारियों के बीच लगातार चक्रण होता रहता है।
ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड गैस श्वसन तथा प्रकाशसंश्लेषण में क्रमशः जरूरी होती है।
चित्र :- आबादी पर पड़ने वाले जलवायु – संबंधी कारक ।