RNA में चार प्रकार के नाइट्रोजन क्षार Adenine (A), Guanine (G), Cytosine (C) तथा Uracil (U) पाए जाते है, पास के तीन क्षारकों के समूह या ट्रिप्लेट को कॉडोन कहते है। ये codons एमीनो अम्ल के लिए आनुवंशिक सूचनाओं को संचारित करते है, प्रोटीन के निर्माण हेतु 20 एमीनो अम्ल के लिए 64 codons होते है जिसे आनुवंशिक कूट या जेनेटिक कोड कहते है।
64 codons में से तीन प्रोटीन समापन को संकेत करते है जबकि 61 कोडोंस 20 प्रकार के एमीनो अम्लों के संकेत करते है।
- जेनेटिक कोड का खोज तीन वैज्ञानिकों – निरेंबर्ग, हरगोविंद खोराना तथा मैथाई के द्वारा हुआ था।
एमीनो अम्लों के लिए संकेत: –
Ala– Alanine
Arg– Arginine
Asn– Asparagine
Asp– Aspartic acid
Cys– Cysteine
Glu– Glutamine
Gly– Glycine
His– Histidine
Ile– Isoleucine
Leu– Leucine
Lys– Lysine
Met– Methionine
Phe– Phenylalanine
Pro– Proline
Ser– Serine
Thr– Threonine
Trp– Tryptophan
Tyr– Tyrosine
Val– Valine
जेनेटिक कोड के गुण : –
- जेनेटिक कोड हमेशा तीन नाइट्रोजन बेस के समूह में रहता हैं जो mRNA पर एक क्रम के रूप में व्यवस्थित रहता हैं,एक एमीनो अम्ल के लिए एक से अधिक codon होते हैं जिसे degenerate code कहते हैं।
- एक एमीनो अम्ल के तुरंत बाद दूसरे एमीनो अम्ल का codon शुरू होता है, इनके बीच विराम चिन्ह नहीं लगता है।
- हर प्रकार के जीवधारियों में एक ही प्रकार के जेनेटिक कोड का उपयोग होता है।
- अधिकांश प्रोटीन या polypeptide में प्रथम एमीनो अम्ल methionine होता है एवं mRNA पर इसके लिए AUG या GUG codons रहते है।वैसे codon जो polypeptide chain बनाने की क्रिया शुरू करते है,उसे AUG प्रारंभ codon कहते है।
- तीन codon UAA, UAG एवं UGA ऐसे codons होते है जो polypeptide chain के समापन का संकेत देते है, इस लिए इन्हे chain समापन codons कहते है।
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