अनिषेकफलन (Parthenocarpy) :-
निषेचन के बिना फल उत्पन्न होने की क्रिया को अनिषेकफलन कहते हैं। जैसे – केला, अन्नानास, संतरा, अंगूर इत्यादि में अनिषेकफलन होते हैं।
अनिषेकफलन के कारण (Causes of Parthenocarpy) :-
1. परागण तथा निषेचन की क्रिया के फलस्वरुप बीज का विकास हो जाता है। परंतु, विकास कुछ समय बाद रुक जाता है। इस प्रकार के निर्मित फलों में कम विकसित बीज उत्पन्न होते हैं। जैसे – अंगूर में।
2 परागण तो होता है, परंतु निषेचन की क्रिया नहीं होती है। ऐसी स्थिति में वर्तिकाग्र पर अंकुरित हो रहे परागकण ही अंडाशय को फल बनाने हेतु उद्दीपन प्रदान करते हैं।
3. परागण तथा निषेचन दोनों ही नहीं होते हैं। जैसे – केला में।
असंगजनन (Apomixis) :-
वह प्रक्रिया जिसमें सामान्य लैंगिक जनन का स्थान पूर्णरूप से अलैंगिक जनन ले लेता हैं, असंगजनन कहलाता है।
- असंगजनन में बिना निषेचन के ही बीज उत्पन्न करने की क्षमता विकसित हो जाती है। जैसे – सूर्यमुखी कुल के कुछ पौधे तथा घास में असंगजनन होता है।
- असंगजननीय बीजों के विकास के कई तरीके होते हैं। कुछ स्पीशीज में द्विगुणित अंडकोशिका का निर्माण बिना अर्धसूत्री विभाजन के हो जाता है तथा बिना निषेचन के ही अंडकोशिका द्विगुणित भ्रूण में परिवर्तित हो जाते हैं।